सोमवार, 25 जून 2012

dost aur dosti

हजरत अली से किसी ने पूछा या अली - दोस्त और भाई में किया अंतर है ? हज़रात ने उसे उत्तर दिया कि - दोस्त हीरा होता है और भाई सोना . पूछने वाले ने दोबारा प्रश्न किया - या अली ऐसा क्यूँ है ?हजरत ने उत्तर दिया- ऐसा इसलिए क्यूंकि सोना टूट जाये तो दोबारा उसे जोड़ा जा सकता है और जुड़ कर वो पहले जैसा होजाता है लेकिन हीरा अगर टूट जाये तो फिर दोबारा नहीं जुड़ता ! दोस्ती ही इन्सान को बना देती है और दोस्ती ही इन्सान को बिगड़ देती है हमारे जीवन में दोस्त का बहुत महत्वहै .घर के बाहर स्कूल कॉलेज हो या कोई और जगह दोस्त के बिना सब कुछ सूना सूना लगता है और हमारे समय का एक बड़ा भाग दोस्तों के साथ बीत ता है !हज़रात अली कहते हैं कि- निर्धन वो नहीं के जिसके पास पैसा न हो निर्धन वो है कि जिसका कोई दोस्त न हो ! लेकिन हर दोस्त के लिए ये बात नहीं कही जा सकती इसलिए कि हम देखते हैं बहुत से अच्छे घर के बच्चे अपने बुरे दोस्तों कि संगत में बुरे कामों में संलिप्त हो जाते हैं और अपने घर परिवार और समाज की बदनामी का कारण बन जाते हैं ! इसी लिए हज़रात अली ने कहा है कि अपने लिए अच्छे दोस्तों का चुनाव करो क्यूंकि हर इन्सान को उसके दोस्तों को देख कर पहचाना जाता है और उसके चरित्र का आंकलन भी उसके दोस्तों के चरित्र को देख कर किया जाता है !.